जाने गुप्त नवरात्रि की 10 महाविद्याओं के 10 सिद्ध होने वाले मंत्र
हिंदू धार्मिक ग्रंथों के अनुसार हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकम से गुप्त नवरात्रि प्रारंभ होती है। इस नवरात्रि में 10 महाविद्याओं अलग अलग मंत्रों का जाप करने से वे मंत्र तुरंत सिद्ध हो जाते हैं।
10 देवी और उनकी महाविद्या
- काली,
- तारा,
- त्रिपुरा सुंदरी,
- भुवनेश्वरी,
- छिन्नमस्ता,
- त्रिपुरभैरवी,
- धूमावती,
- बगलामुखी,
- मातंगी और
- कमला
गुप्त नवरात्रि में की जाने वाली सिद्ध साधना में दस महाविद्याओं का संबंध अलग-अलग 10 देवियों से हैं। जिनके मंत्र भी अलग अलग है। इन मंत्रों का जाप करने से ये मंत्र सिद्ध हो जाते है।
गुप्त नवरात्रि में माता की पूजा करने के बाद इनके मंत्रों का विधिवत जाप करने से आपको पूरा लाभ मिलेगा।
गुप्त नवरात्रि में जाप करने के 10 मंत्र जिन्हे आप सिद्ध भी कर सकते है।
- देवी काली : ॐ क्रीं क्रीं क्रीं ह्रीं ह्रीं ह्रीं हूं हूं दक्षिण कालिके क्रीं क्रीं क्रीं ह्रीं ह्रीं ह्रीं हूं हूं स्वाहा:।
- मां तारा : ऐं ॐ ह्रीं क्रीं हूं फट्।
- देवी त्रिपुर सुंदरी : श्री ह्रीं क्लीं ऐं सौ: ॐ ह्रीं क्रीं कए इल ह्रीं सकल ह्रीं सौ: ऐं क्लीं ह्रीं श्रीं नम:।
- देवी भुवनेश्वरी : ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं ऐं सौ: भुवनेश्वर्ये नम: या ह्रीं।
- देवी छिन्नमस्ता : श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं वज्रवैरोचनीयै हूं हूं फट् स्वाहा:।
- मां त्रिपुरभैरवी : ह स: हसकरी हसे।’
- धूमावती देवी : धूं धूं धूमावती ठ: ठ:।
- मां बगलामुखी : ॐ ह्लीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय, जिव्हा कीलय, बुद्धिं विनाश्य ह्लीं ॐ स्वाहा:।
- मातंगी देवी : श्री ह्रीं क्लीं हूं मातंग्यै फट् स्वाहा:।
- मां कमला देवी : ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद-प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नम:।