गुजरात शक्तिपीठ: अम्बाजी मंदिर गुजरात (Ambaji Temple Gujarat)
भारत के गुजरात राज्य में कई बड़े और चमत्कारी तीर्थ स्थान हैं, जहां देश के कोने-कोने से श्रद्धालु दर्शन करने के लिए गुजरात आते हैं। आज हम आपको गुजरात के बनासकांठा जिले में स्थित प्रसिद्ध अंबाजी मंदिर के बारे में बताएंगे, जहां देवी मां के श्री यंत्र की पूजा की जाती है।
आइये जानते हैं गुजरात के प्रसिद्ध अम्बाजी मंदिर के बारे में।
अम्बाजी मंदिर गुजरात (Ambaji Temple Gujarat)
माँ अम्बाजी का मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है और यह मंदिर 51 शक्तिपीठों में से सबसे शक्तिशाली मंदिरों की सूची में शामिल है। इस मंदिर में न तो कोई मूर्ति है और न ही कोई चित्र, जिसकी पूजा की जा सके। इस मंदिर में फूलों से ढका एक सिद्धि यंत्र है जिसकी पूजा की जाती है
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार माना जाता है कि भगवान शिव माता सती के मृत शरीर को लेकर क्रोध में इधर-उधर घूम रहे थे, तब भगवान शिव का माता सती से मोहभंग करने के लिए भगवान विष्णु ने चक्र से माता सती को 51 भागों में काट दिया। देश के जिस जगह माता सती के शरीर के भाग गिरें वो शक्तिपीठ कहलाते है। अम्बाजी मंदिर वहीं बना है जहां माता सती के शरीर का हृदय गिरा था।
हर साल लाखों श्रद्धालु अम्बाजी मंदिर में देवी माता के दर्शन के लिए आते हैं। खासकर भाद्रवी पूर्णिमा, नवरात्रि और दिवाली के दिनों में भीड़ सबसे ज्यादा होती है। यह मंदिर राजस्थान के प्रसिद्ध हिल स्टेशन माउंट आबू के पास स्थित है, इसलिए भक्तों को यहां प्राकृतिक नजारा भी देखने को मिलता है और अंबाजी मंदिर के दर्शन के बाद भक्त आसपास के पर्यटन स्थलों का भ्रमण भी कर सकते हैं।
आइये जानते हैं अम्बाजी मंदिर से जुड़ी खास बातें।
अम्बाजी मंदिर गुजरात में किसकी पूजा होती है?
गुजरात राज्य के बनासकांठा जिले में अम्बे माता का लोकप्रिय मंदिर स्थित है। यह मंदिर देश और विदेश में भी प्रसिद्ध है। अम्बे माता के दर्शन के लिए देश के कोने कोने से भक्त आते है। आमतौर पर हर मंदिर में भगवान की मूर्ति या प्रतिमा की पूजा होती है, लेकिन मंदिर की सबसे अनोखी बात यह है कि इस मंदिर में अम्बे माता की ना कोई प्रतिमा है और ना ही कोई मूर्ति है। मंदिर में मूर्ति के बजाय बहुत ही पवित्र श्री यंत्र है, जिसकी मंदिर में नित्य पूजा पाठ होती है।
अम्बे माता के श्री यंत्र की खास बात यह है कि इसको देख पाना बहुत कठिन है। इसकी पूजा करते समय आंखों पर पट्टी लगाई जाती है।
अम्बाजी मंदिर गुजरात की संरचना (Ambaji Temple Gujarat)
अंबाजी मंदिर सफेद संगमरमर पत्थर से बना हुआ है इसमें सोने के शंकु बने हुए है। मंदिर में प्रवेश करने के लिए एक मुख्य द्वार और उसके पास ही एक छोटा द्वार है। मंदिर में गर्भगृह के द्वार चांदी के बनाए हुए है। मंदिर के गर्भगृह के अंदर एक आला है, जिस पर माता जी की पूजा करने के लिए माता जी का बहुत ही पवित्र ज्यामिति वस्तु, श्री यंत्र स्थापित है।
मंदिर के अंदर मूर्ति ना होना इस बात की ओर संकेत देता है कि माताजी का यह मंदिर बहुत पुराना है। क्योंकि पहले के समय में हमारे हिंदू मंदिरों में मूर्ति पूजा प्रचलित नही थी। मंदिर के पुजारी गोख के ऊपरी भाग को इस तरह से सजाते है कि वो माताजी के रूप की तरह भक्तो को दिख सकता है। अंबाजी मंदिर के पास में एक बहुत ही पवित्र कुंड मानसरोवर है, जिसमे डुबकी लगाना बहुत ही शुभ और पवित्र माना जाता है।
अम्बाजी मंदिर में सबसे बड़ा मेला कब लगता है?
वैसे तो मंदिर में हर महीने भक्तों की भीड़ रहती है, लेकिन मंदिर में अंबे माता का सबसे बड़ा मेला भाद्रवी पूर्णिमा को लगता है। इस दिन माता के भक्त दूर-दूर से पैदल चलकर संघ यात्रा के माध्यम से मंदिर में आते हैं। भक्त अपनी सुविधा के अनुसार मंदिर जाते हैं। मेले में लाखों श्रद्धालु शामिल होने आते हैं।
अम्बाजी मंदिर गुजरात में नवरात्री उत्सव(Ambaji Mandir Gujarat Navratri)
नवरात्रि का उत्सव अम्बे माता,दुर्गा माता, चामुण्डा माता और अन्य देवियों को समर्पित है। इन दिनों में माताजी के भक्त पूरी श्रद्धा और समर्पण के भाव से माताजी को भक्ति करते है और उनके मुख्य धाम में जाकर माताजी के दरबार में हाजिरी लगाते है।
अंबाजी मंदिर में भी नवरात्रि उत्सव के समय नौ दिन माता के भक्तों की भीड़ लगी रहती है। नवरात्रि उत्सव के समय माताजी के मंदिर के प्रांगण में भव्य गरबे और अन्य कार्यक्रमों का आयोजन होता है। माताजी के प्रांगण में नवरात्रि पर्व के समय रात में भक्त गरबा खेलते है।
कई बड़े बड़े कलाकार मंदिर के प्रांगण में लाइव गरबा गाने के लिए आते है। अंबाजी मंदिर के पास ही राजस्थान का बहुत ही मनोरम, रमणीय हिल स्टेशन माउंट आबू स्थित है। जहां पर माता अर्बुदा जिसे भक्त अधर देवी के नाम से भी जानते है, का मंदिर पत्थरों को काट कर बना हुआ है।
अम्बाजी मंदिर गुजरात में दर्शन समय (Ambaji Temple Gujarat Darshan Time)
अंबाजी मंदिर सप्ताह के सभी सातों दिन दर्शन के लिए खुला रहता है। दर्शन करने का समय है –
- सुबह 7 बजे से 11 बजे तक,
- दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक और
- शाम 6 बजे से रात 9 बजे तक।
गुजरात में अम्बाजी मंदिर कहाँ है?
अम्बाजी मंदिर गुजरात राज्य के बनासकांठा जिले में स्थित है। अम्बाजी माता मंदिर गुजरात-राजस्थान सीमा पर अरासुर पहाड़ी पर स्थित है। यह मंदिर माता के 51 शक्तिपीठों में से एक है। अम्बाजी मंदिर पालनपुर से 65 किमी, आबू रोड से 20 किमी और अहमदाबाद से लगभग 180 किमी दूर है।
कैसे पहुंचे अम्बाजी मंदिर गुजरात?
अम्बाजी शहर का निकटतम रेलवे स्टेशन आबू रोड पर है, जो केवल 20 किलोमीटर दूर है। रेलवे स्टेशन से टैक्सियाँ और सार्वजनिक परिवहन के अन्य साधन उपलब्ध हैं। यह रेलवे स्टेशन सभी प्रमुख भारतीय शहरों और गुजरात से जुड़ा हुआ है।
अम्बाजी मंदिर जाने का सबसे अच्छा समय क्या है?
वैसे तो आप साल में कभी भी अंबाजी मंदिर जा सकते हैं, लेकिन अगर आप वहाँ मेले का आनंद लेना चाहते हैं तो भाद्रवी पूर्णिमा, नवरात्रि और दिवाली के दौरान जा सकते हैं। इन दिनों मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ रहती है, बाकि आप अपनी सुविधा के अनुसार साल में कभी भी अंबाजी मंदिर जा सकते हैं।