श्री जगन्नाथ मंदिर का इतिहास Jagnnath Puri Temple History

रहस्यों से भरा हुआ जगन्नाथ पुरी मंदिर भारत के ओडिशा राज्य के पुरी शहर में स्थित है। यहां की जगह का पूरा नाम “श्री मंदिर जगन्नाथ पुरी” है और यह मंदिर ओडिशा के समुद्री तट पर स्थित है। यह मंदिर ओडिशा राज्य के महत्वपूर्ण धार्मिक और पर्यटन स्थलों में से एक है और हर साल लाखों भक्त भगवान जगन्नाथ की पूजा करने और मंदिर की सुंदरता का आनंद लेने के लिए आते हैं।

श्री जगन्नाथ पुरी मंदिर का इतिहास(Shri Jagannath Temple History Puri, Odisha)

https://tirthdhamdarshan.com/jagnnath-puri-temple-history-in-hindi/ जगन्नाथ पुरी मंदिर भारत के ओडिशा राज्य में स्थित है और हिंदू धर्म के प्रमुख मंदिरों में से एक है। यह मंदिर भगवान विष्णु के एक रूप भगवान जगन्नाथ, उनके भाई-बहन बलभद्र (बलराम) और सुभद्रा को समर्पित है। मंदिर में देवताओं को नीम की लकड़ी से तराशा जाता है और हर 12 या 19 साल में नबकलेबारा नामक अनुष्ठान में बदल दिया जाता है।

यह मंदिर अपने विशेष रथ यात्रा के लिए प्रसिद्ध है। यह मंदिर हिंदू त्रिमूर्ति और देवी लक्ष्मी से जुड़ा है और एक प्रमुख तीर्थ स्थल है।

जगन्नाथ पुरी मंदिर का इतिहास बहुत प्राचीन है और इस मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी में राजा आनंदवर्मन और उनके पूर्वजों के द्वारा करवाया गया था। इस मंदिर की सबसे प्रमुख बात यह है कि दिन में चार बार भगवान जगन्नाथ की पूजा की जाती है और देवी लक्ष्मी का गुणगान कर उन्हें भोग चढ़ाया जाता है।

जगन्नाथ मंदिर का शिखर पुरी शहर में सबसे ऊंचा है। मंदिर के शिखर के चारों तरफ दरवाजे लगे हुए है। मंदिर के शिखर पर रहस्यमई तरीके से हवा के विपरित दिशा में लहराता 20 फीट का ध्वज लगा हुआ है। 

मंदिर के पास में एक जगह है जहा रथ रखें हुए है। रथयात्रा उत्सव के समय इन रथों पर मंदिर के सभी देवी देवताओ को बिठाया हुआ है और उनको रथों में बैठाकर पूरी शहर में यात्रा करवाई जाती है। यह रथ यात्रा हर साल आषाठ मॉस के शुक्ल पक्ष में आयोजित होती है। इस रथयात्रा को देखने के लिए दुनिया के कोने कोने से लाखों भक्त आते है

समय के साथ साथ इस मंदिर के निर्माण कार्य में सुधार किया गया और इसका इतिहास भारतीय संस्कृति और हिन्दू धर्म का एक अभिन्न हिस्सा बना हुआ है. 

दुनिया के कोने कोने से लाखों की संख्या में भक्त यहाँ दर्शन करने के लिए आते है और मंदिर के प्रांगण में अपनी धार्मिक और आध्यात्मिक प्रथाओं का आनंद लेते हैं।

जगन्नाथ पुरी कब जाना चाहिए?

जगन्नाथ पुरी जाने का सबसे उचित समय चैत्र माह (मार्च-अप्रैल) से आषाढ़ माह (जून-जुलाई) के बीच होता है, क्योंकि इस दौरान जगन्नाथ पुरी मंदिर में जगन्नाथ रथ यात्रा का आयोजन किया जाता है, जो जगन्नाथ मंदिर का सबसे महत्वपूर्ण आकर्षण और प्रमुख त्यौहार है।

इस अद्धभूत रथयात्रा को देखने के लिए भारत के कोने कोने से लाखों भक्त आते है. और यहां की रथयात्रा एक विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम है।

इसके अलावा, अक्टूबर से मार्च के बीच ठंड के मौसम में भी जगन्नाथ पुरी की यात्रा सुरक्षित और आनंददायक हो सकती है, क्योंकि उस समय यहां का वातावरण ठंडा रहता है। इसके अलावा अलग अलग समय पर जगन्नाथ पुरी में अन्य धार्मिक और पर्यटन कार्यक्रम भी होते हैं, जिसमें आप अपनी इच्छा के अनुसार जा सकते हैं।

जगन्नाथ मंदिर में जाने से पहले आपको पुरी में होटल और यात्रा व्यवस्था की यात्रा से पूर्व ही कर लेनी चाहिए। क्योंकि इस रथयात्रा महोत्सव के समय जगन्नाथ मंदिर में भारी भीड़ होती है।

जगन्नाथ मंदिर का निर्माण किसने करवाया था?

भगवान जगन्नाथ पुरी मंदिर को ओडिशा के चालुक्य वंश के राजा आनंदवर्मन द्वितीय ने बनवाया था। इस मंदिर को 12वीं शताब्दी में बनवाया गया था। यह मंदिर हिंदू धर्म के लोगों के आस्था का प्रमुख स्थल है। लाखों भक्तों की मंदिर से अटूट आस्था जुड़ी हुई है।

यहां के राजा आनंदवर्मन ने इस मंदिर को हिन्दू धर्म के इतिहास में एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक स्थल के रूप में बनवाया और इस मंदिर को ओडिशा के महत्वपूर्ण धार्मिक और पर्यटन स्थलों में से एक बनाया। यह मंदिर ओडिशा राज्य की संस्कृति और धर्म का एक महत्वपूर्ण प्रतीक है

जगन्नाथ मंदिर कहाँ स्थित है?

भगवान जगन्नाथ का मंदिर भारत के ओडिशा राज्य के पुरी शहर में स्थित है। यह मंदिर वैष्णव संप्रदाय से जुड़ा है। यह मंदिर ओडिशा के समुद्री तट पर स्थित है। यह मंदिर ओडिशा राज्य के महत्वपूर्ण धार्मिक और पर्यटन स्थलों में से एक है। 

कैसे जाए? जगन्नाथ पुरी मंदिर(Jagannath Puri Temple)

जगन्नाथ पुरी मंदिर भारत के उड़ीसा राज्य के पुरी शहर में स्थित है। भगवान जगन्नाथ के दर्शन हेतु अगर आप जाना चाहते है तो आप वायुमार्ग, रेलमार्ग और सड़क मार्ग से जा सकते है।

1. वायुमार्ग से

पुरी शहर के पास मे भुवनेश्वर हवाई अड्डा (Bhuvneshwar Airport)  है। भुवनेश्वर हवाई अड्डे से पुरी शहर 60km की दूरी पर स्थित है। आप पूरी हुई अड्डे से सड़क मार्ग से आप जगन्नाथ पुरी मंदिर जा सकते है। इसके लिए आपको हवाई अड्डे से आसानी से बस या टैक्सी मिल जाएगी।

2. रेलमार्ग से

आप रेलमार्ग से भी पुरी शहर जा सकते है। पुरी रेलवे स्थानीय और वरिष्ठ रेल सेवाओं के लिए प्रसिद्ध है। यह भारतीय रेलवे का एक नेटवर्क है और बुभनेश्वर, कोलकाता, दिल्ली, बनारस, चेन्नई, जयपुर और अन्य शहरों से यात्री ट्रेन सेवाएं प्रदान करता है।

3. सड़क मार्ग

आप आपने खुद के वाहन, बस या टैक्सी के द्वारा सड़क मार्ग से पुरी शहर में भगवान जगन्नाथ के मंदिर जा सकते है। जगन्नाथ पुरी मंदिर के आसपास के पर्यटक स्थलों की यात्रा के लिए कोई भी स्थानीय परिवहन जैसे गाड़ी, ऑटो गाड़ी, टैक्सी या स्थानीय बस सेवाओं का उपयोग कर सकता है।

जगन्नाथ मंदिर में रथ यात्रा कब आयोजित की जाती है?

जगन्नाथ पुरी मंदिर में जगन्नाथ रथ यात्रा का आयोजन किया जाता है, जो जगन्नाथ मंदिर का सबसे महत्वपूर्ण आकर्षण और प्रमुख त्यौहार है। आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष में पुरी में भगवान जगन्नाथ के मंदिर में रथयात्रा निकाली जाती है। 

इस अद्धभूत रथयात्रा को देखने के लिए भारत के कोने कोने से लाखों भक्त आते है. और यहां की रथयात्रा एक विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम है।

सावधानी रखे कि पुरी एक प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थल है, इसलिए अपनी यात्रा की योजना बनाते समय होटल और अन्य आवश्यकताओं पर ध्यान दें। मंदिर में जाते समय मंदिर के नियमों का पालन करे।

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