Navratri Eighth Day: महागौरी माता पूजा विधि Navratri 2023

नवरात्रि का आठवां दिन सबसे खास दिन होता है। इस दिन मां दुर्गा की आठवीं शक्ति रूप महागौरी की पूजा की जाती है। साथ ही इस दिन घरों और मंदिरों में यज्ञ का आयोजन किया जाता है, इसलिए इसे होमाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है।

हिंदू धर्म में माना जाता है कि इस दिन माता का यज्ञ करने से यज्ञ का पूरा फल मिलता है। इस दिन महागौरी की पूजा देवी के सार को दर्शाती है। इस शक्ति स्वरूपा देवी की शक्ति अमोघ और सदैव फल देने वाली है।

माँ महागौरी का स्वरूप:

देवी भागवत पुराण के अनुसार महाशक्ति महागौरी का वर्ण सम्पूर्ण गौर अर्थात सफेद होता हैं तथा साथ ही इनके वस्त्र एवं आभूषण का रंग भी सफेद होता हैं। माता वृषभ यानि बैल की सवारी करती है। माता का दाहिना हाथ अभयमुद्रा में है और निचले हाथ में माँ दुर्गा का त्रिशूल है, जो दुर्गा शक्ति का प्रतीक है।

महागौरी के ऊपरी बाएँ हाथ में शिव का प्रतीक डमरू है। डमरू धारण करने के कारण ही उन्हें शिव भी कहा जाता है। माँ का निचला हाथ वरमुद्रा में है, जो अपने भक्तों को सुरक्षा प्रदान करता है। माता का यह स्वरूप शांत मुद्रा में ही दिखाई देता है। इनकी पूजा करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।

महागौरी माता का पूजा मंत्र:

या देवी सर्वभू‍तेषु माँ गौरी रूपेण संस्थिता। 

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥ 

वन्दे वांछित कामार्थेचन्द्रार्घकृतशेखराम्। 

सिंहारूढाचतुर्भुजामहागौरीयशस्वीनीम्॥

पूजा सामग्री:

  • महागौरी माता की मूर्ति या चित्र
  • रोली, चावल, सिन्दूर
  • कलश (वर्त)
  • धूप, अगरबत्ती
  • दीपक (दीपक) और घी
  • फूल और पुष्प
  • प्रसाद (मिठाई, फल)
  • माता की चुनरी या वस्त्र

महागौरी माता की पूजा विधि-

स्वच्छता:

ब्रह्म समय में दौरान सुबह सबसे पहले स्नान करके पवित्र होकर पूजा स्थल को पवित्र करे। और पूजा में बैठने के सबसे पहले पूजा सामग्री एकत्रित कर लें।

मां महागौरी की प्रतिमा की पूजा:

मां महागौरी की पूजा करने के लिए पूजा स्थल पर आसान लगाकर माँ की तस्वीर या प्रतिमा को शुद्ध पानी से साफ करें, उसके बाद माता की तस्वीर पर चंदन और कुमकुम लगाएं। फिर माताजी को लौंग, इलायची, सुपारी, ध्रुव घास, फूल, अक्षत और चंदन चढ़ाएं।

माता की तस्वीर को कलश पर स्थापित करने के लिए कलश को शुद्ध पानी से भर ले और उसमे चावल, कुमकुम, सुपारी डाले फिर कलश पर लाल चुनरी बांध ले इसके बाद कलश पर देवी मां की तस्वीर स्थापित करें।

ध्यान और भक्ति:

पूजा स्थल पर मां दुर्गा की तस्वीर स्थापित करने के बाद मां दुर्गा के सामने दीपक और धूप जलाएं और फिर मां दुर्गा की पूजा करें और मंत्रों का जाप करें।

यह भी पढ़े: श्री चामुण्डा माता स्तुतिः विश्वंभरी

व्रत रखते समय ध्यान रखने योग्य 10 बातें 

 नवरात्रि पूजन विधि

कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त व विधि

माता जी की आरती लिखी हुई

हाथ जोड़ ने अर्ज करू आरती

जय अम्बे गौरी Aarti Lyrics

दुर्गा माँ की आरती- Jay Adhya Shakti Aarti

हिंदू पूजा अनुष्ठान:

अपने पुरे परिवार के साथ मिलकर मां महागौरी की कथा पढ़े, फिर परिवार के सभी सदस्यों के साथ मां महागौरी की आरती उच्चारण के साथ करें।

प्रसाद:

इस खास दिन पर देवी मां को नारियल का प्रसाद चढ़ाना चाहिए। मां महागौरी को नारियल या उससे बने पकवानों का भोग बहुत पसंद है इसलिए हमें नारियल से बने पकवानों का भोग लगाना चाहिए। फिर प्रसाद को घर के सभी सदस्यों में बांट दें।

शाम की आरती:

महागौरी की पूजा के दिन भक्तों को भोग-विलास से बचना चाहिए और पूजा के दिन सुबह के अलावा शाम को भी माता की आरती करनी चाहिए और उन्हें प्रसाद चढ़ाना चाहिए।

नवरात्रि के आंठवे दिन सच्चे तन, मन, श्रद्धा और विश्वास से देवी महागौरी की पूजा करें। पूजा के दौरान मन को शांत और ध्यानमग्न रखें।

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *