रावण रचित शिव तांडव स्तोत्र के 10 चमत्कारी लाभ- Shiv Tandav Stotram

महान पंडित रावण रचित शिव तांडव स्तोत्र के 10 चमत्कारी लाभ

रावण द्वारा रचित शिव तांडव स्तोत्र का पाठ पूरी भक्ति भाव और निष्ठा से करने पर कई लाभ और फायदे होते हैं, आज हम आपको इस स्तोत्र के फायदे बताएंगे।

1. सुख समृद्धि: 

इस स्तोत्र का पाठ करने से परिवार में सुख शांति रहती है और पारिवारिक जीवन खुश रहता है। इससे पति पत्नी के रिश्ते में प्रेम बढ़ता है। इस स्तोत्र का पाठ पति पत्नी दोनो कर सकते है। 

2. आर्थिक विकास:

इस स्तोत्र का पाठ 51 दिनों तक नियमित करने से धन की समस्या से मुक्ति मिलती है। अपने ऊपर चढ़ा कर्जा खत्म हो जाता है और नया कर्जा लेने की स्थित नही आती है।

3. विवाह का योग:

इस स्तोत्र का पाठ करने से विवाह के योग में आने वाली बाधाए दूर होती है। जिन युवक या युवती के विवाह होने में बाधा या योग्य साथी मिलने में बाधा आती है तो उसको 51 दिनों तक नियमित शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। इससे उनके विवाह का योग जल्दी और आसानी से बन जायेगा।

4. व्यापार में वृद्धि:

इस स्तोत्र का पाठ करने से व्यापार में वृद्धि होती है। अगर किसी व्यक्ति के व्यापार में घाटा चल रहा है और व्यापार बंद करने की स्थित बन गई है तो उस व्यक्ति को भगवान शिव के मंदिर में जाकर 41 दिनों तक नियमित इस स्तोत्र का 5 बार पाठ करना चाहिए।

5. विजय प्राप्ति में:

इस स्तोत्र का पाठ करने से आप अपने शत्रु पर, मुकदमे में या सर्वत्र विजय प्राप्त कर सकते है। इसके लिए आपको 31 दिनों तक नियमित संध्या के समय इस स्तोत्र का पाठ करना चाहिए।

6. संतान सुख की प्राप्ति:

इस स्तोत्र का पाठ करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है। जिन दंपतियों को संतान होने में समस्या आ रही है तो उनको प्रदोष काल में इस स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। इस स्तोत्र का पाठ प्रदोष काल में नियमित करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है।

7. मानसिक शांति: 

इस स्तोत्र का पाठ करने से मन की चिंता तथा तनाव कम हो जाता है और इसके साथ साथ मानसिक शांति मिलती है। इस स्तोत्र का पाठ करते समय भक्त अपने आप को भगवान शिव का सेवक और उसको समर्पित अनुभव करता है।

8. भक्ति और आध्यात्मिक विकास: 

इस स्तोत्र का नियमित पाठ करने से सभी सुख, संपत्ति और समृद्धि प्राप्त होती है। व्यक्ति को भौतिक जीवन में कोई अभाव नहीं रहता। इससे इंसान का मनोबल बढ़ता है और उसके संचार कौशल में सुधार होता है।

9. शारीरिक लाभ: 

इस स्तोत्र का पाठ करने से शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है और स्वास्थ्य के लिए अन्य कई प्रकार के फायदे होते है। इससे कई भक्तो को अपने लाइलाज रोगों को ठीक करने में सहायता मिली है।

10. कर्मफल की प्राप्ति: 

इस स्तोत्र का पाठ करने से भक्त को अच्छे कर्मों का उचित फल मिलता है और वह अच्छे कर्मों की ओर बढ़ता है। इस पाठ को करने से व्यक्ति के आत्मविश्वास में वृद्धि होती है और व्यक्ति अपने की अंदर की क्षमता का एहसास होता है। इस स्तोत्र का पाठ करने से भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है और भगवान शिव भक्त की हमेशा रक्षा करते है।

ये 10 लाभ तांडव स्तोत्र के पाठ से प्राप्त किए जा सकते हैं, लेकिन ध्यान रखें कि शिव तांडव करते समय भक्ति में आस्था और श्रद्धा का बहुत महत्व है।

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