Vaishnodevi Temple के पास 10 प्रसिद्ध पर्यटन स्थल
दोस्तों जब भी हम किसी पर्यटक स्थल या धार्मिक स्थल पर घूमने जाते है तो सबसे पहले हमारे मन में यह सवाल आता है कि जहां हम घूमने जा रहे है वहा कौन कौनसी अन्य घूमने योग्य या देखने योग्य जगह है? तो आज हम आपको वैष्णोदेवी मंदिर के आसपास के उन पर्यटक स्थलों के बारे में बताएंगे। जहां पर आपको अपने परिवार या दोस्तों के साथ जरूर जाना चाहिए।
1. अर्धकुवारी गुफा(Ardhakuvaaree Gupha)
पवित्र अर्धकुंवारी गुफा वैष्णोदेवी मंदिर जाने के रास्ते में ही स्थित है। यह गुफा वैष्णोदेवी मंदिर के आसपास के स्थलों में सबसे लोकप्रिय स्थल है। वैष्णोदेवी जाने के रास्ते पर होने के कारण इस गुफा का उपयोग श्रद्धालु विश्राम गृह के रूप में करते है। इस पवित्र गुफा की लंबाई 52 फीट है।
इस गुफा का आकार माता के गर्भ जैसा है इसीलिए इसको गर्भाजून गुफा के नाम से भी जानते है।
2. चरण पादुका मंदिर(Charan Paduka Temple)
चरण पादुका मंदिर कटरा में माता वैष्णोदेवी मंदिर के पास पहाड़ी पर 1030 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। इस मंदिर में एक चट्टान पर माता वैष्णोदेवी के पवित्र और चमत्कारिक पैरो के निशान उपस्थित है। मंदिर में माता के पैरो के निशान वाली चट्टान को नित्य पूजा होती है और भक्त भी माता का आशीर्वाद लेने मंदिर में आते है।
इस मंदिर से काफी भक्तों की आस्था जुड़ी हुई है। मंदिर में आने वाले भक्तों की संख्या भी बढ़ गई है इसीलिए इस मंदिर को जो पहले छोटा था, अब उसको विशाल और भव्य बना दिया है। वैष्णोदेवी दर्शन यात्रा के दौरान चरण पादुका मंदिर जरूर जाना चाहिए।
3. त्रिकुटा पर्वत(Trikuta Parvat)
त्रिकुटा पर्वत देवघर से दुमका के रास्ते पर 10km की दूरी पर स्थित है। यह वैष्णोदेवी मंदिर के आसपास का पवित्र और आकर्षक पर्यटक स्थल है। इसको त्रिकुटांचल पर्वत के नाम से भी जाना जाता है। त्रिकुटांचल पर्वत पर महादेव जी का पवित्र मंदिर बना हुआ है।
महादेव जी के मंदिर में भगवान शिव की पूजा माता त्रिशूली के साथ की जाती है। यह स्थल कटरा के प्रमुख पिकनिक स्थलों में शामिल है। वैष्णोदेवी माता के दर्शन के बाद पर्यटकों को इस जगह पर भी जाना चाहिए।
4. भैरों मंदिर(Bhairon Temple)
भैरों पवित्र मंदिर त्रिकुटा पर्वत के पास की पहाड़ी पर 2017 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। मंदिर में भैरों भगवान की पूजा होती है। मंदिर में एक हवन कुंड बना हुआ है जिसकी राख या भभूति को बहुत ही पवित्र माना जाता है।
यहां की मान्यता है कि माता वैष्णोदेवी के दर्शन के बाद अगर भैरों मंदिर का दर्शन नहीं करते है तो माता वैष्णोदेवी की यात्रा का उचित फल प्राप्त नहीं होता है। इसीलिए माता वैष्णोदेवी मंदिर के दर्शन के बाद भैरों मंदिर का दर्शन जरूर करना चाहिए।
5. बाण गंगा नदी(Ban Ganga River)
बाण गंगा नदी हिमालय के दक्षिण ढलान से उत्पन्न हुई है। इस नदी का नाम पवित्र नदी गंगा के चिह्नित बाण और गंगा नाम पर पड़ा है। बाण गंगा नदी में दो पवित्र घाट है। वैष्णोदेवी मंदिर जाने वाले भक्त पहले इस पवित्र नदी में डुबकी लगाकर मंदिर में दर्शन के लिए जाते है।
कुछ भक्त मंदिर में दर्शन के बाद यहां डुबकी लगाने आते है। इस पवित्र नदी में स्नान करना बहुत ही पवित्र माना जाता है इसीलिए वैष्णोदेवी यात्रा के दौरान बाण गंगा पवित्र नदी पर जरूर जाना चाहिए।
6. गीता माता मंदिर(Geeta Mata Temple)
गीता मंदिर वैष्णोदेवी यात्रा का प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर बाण गंगा पुल के पास में स्थित है। इस मंदिर के पास में प्रथम चरण मंदिर है। इस मंदिर में वास्तुकला के अद्भुत उदाहरण मौजूद है।
7. पटनीटॉप(Patnitop)
हिमालय की गोद में बसे इस पवित्र स्थल को भगवान का प्राकृतिक बैकुंठ माना जाता है। यह पवित्र स्थल कटरा से 80km की दूरी पर स्थित है। यहां के घने देवदार पेड़ के जंगल, प्राकृतिक वातावरण और हरे भरे दृश्य पर्यटकों को अपनी और खींचते है।
सर्दियों के दिनों में यहां खूबसूरत बर्फबारी होती है। बर्फबारी के समय यहां पर्यटक स्कीइंग, पैराग्लाइडिंग, पैरासिलिंग जैसे स्नो गेम्स का लुफ्त उठाते है। इसीलिए वैष्णोदेवी दर्शन यात्रा के दौरान भक्तों को यहां जरूर घूमने आना चाहिए।
8. झज्जर कोटली(Jhajjar Kotli)
वैष्णोदेवी यात्रा के दौरान पिकनिक स्थल की सूची तो लंबी होती है लेकिन झज्जर कोटली वैष्णोदेवी यात्रा के दौरान घूमने जाने योग्य स्थल है। यहां आपको खुला और शांत वातावरण का आनंद ले सकते हो।
9. सनासार हिल स्टेशन(Sanasar Hill Station)
कटरा से लगभग 110km दूर एक खूबसूरत हिल स्टेशन है जिसका नाम सनासर हिल स्टेशन है। यह अपने खूबसूरत दृश्यों के प्रसिद्ध है। वैष्णोदेवी यात्रा के दौरान कश्मीरी संस्कृति अनुभव करने के लिए सनासार हिल स्टेशन जरूर जाना चाहिए।
10. देवा मायी(Deva Mai)
देवा मायी का मंदिर कटरा से 3.5km की दूरी पर स्थित है। माता वैष्णोदेवी के यात्रा के दौरान दूसरा दर्शन माना जाता है। इस पवित्र मंदिर से जुड़ी मान्यता है कि माता वैष्णो ने छोटी बच्ची के रूप में यहां 110 वर्ष तपस्या की थी