https://tirthdhamdarshan.com/salangpur-hanumanji-vivad-hindi/

क्या है Salangpur Hanuman मूर्ति Vivad?

कल सूर्योदय से पहले हनुमान जी की विवादित फोटो को स्वामीनारायण संप्रदाय हटाएगा। 

श्रीकष्टभंजनहनुमानजी मंदिर अहमदाबाद से 140km की दूरी पर गुजरात के बोटाद जिले के सारंगपुर गांव में स्थित है। यह मंदिर भगवान हनुमान जी को समर्पित है। वर्तमान में श्रीकष्टभंजनहनुमानजी मंदिर में भगवान श्री राम के सबसे बड़े भक्त हनुमान जी का अपमान करने पर स्वामीनारायण संप्रदाय के खिलाफ सनातन धर्म से जुड़े लोगों द्वारा विरोध किया जा रहा है।

जगह जगह पोस्टर वॉर भी चल रहा है और इसके साथ साथ सोशल मीडिया में भी स्वामीनारायण संप्रदाय का भारी विरोध हो रहा है, और हिंदू धर्म के धर्मगुरुओं तथा करनी सेना ने भी स्वामीनारायण संप्रदाय के खिलाफ रोष प्रकट किया है।

मेरे द्वारा घटनाक्रम का विश्लेषण करने पर हमें पता चला की स्वामीनारायण संप्रदाय से जुड़े कुछ लोग अपने फायदे या चर्चा में आने के लिए सनातन धर्म के खिलाफ बयान और विवाद पैदा करते है।

ऐसा ही सारंगपुर हनुमान जी मंदिर में विवाद पैदा हुआ है। हनुमान जी के अपमान करने पर सनातन धर्म के लोगों द्वारा कड़ी निन्दा करने पर स्वामीनारायण संप्रदाय के स्वामीजी ने आज मीडिया में बयान दिया है कि Salangpur हनुमान जी के वहां से विवादित फोटो को कल सुबह सूर्योदय से पहले हटाया दिया जाएगा। 

जाने क्या है श्रीकष्टभंजन हनुमान मंदिर विवाद?

https://tirthdhamdarshan.com/salangpur-hanumanji-vivad-hindi/1. सारंगपुर में स्थित कष्टभंजन हनुमानजी मंदिर में भगवान हनुमान जी की अप्रैल 2023 हनुमान जयंती के दिन में 54 फीट की ऊंची मूर्ति स्वामीनारायण संप्रदाय के वाडताल ग्रुप ने लगाई थी।

2. अप्पूराज रामावत नाम का जामनगर से 20 अगस्त 2023 को हनुमान जी के दर्शन करने के लिए आया था वहा उसकी नजर हनुमान जी की 54 फीट की मूर्ति के नीचे लगी फोटो पर पड़ी। उसमे उसने देखा कि हनुमान जी को स्वामीनारायण भगवान के आगे दास के तौर पर खड़ा किया हुआ है।

3. इस युवक ने उस फोटो को तुरंत सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया। इसके बाद उसकी पोस्ट पूरे देश में फैल गई। तथा हर जगह स्वामीनारायण संप्रदाय का विरोध प्रदर्शन हुआ।

4. रक्षाबंधन ने पहले इस विवाद ने तूल पकड़ लिया। अभी सलंगपुर के श्रीकष्टभंजनहनुमानजी मंदिर की देखरेख का जिम्मा स्वामीनारायण संप्रदाय के वडताल ग्रुप के पास है। यह विवाद तब बढ़ा जब मोरारी बापू ने इस मामले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी।

5. इसके बाद पर मोरारी बापू की प्रतिक्रिया आने से विवाद का दायरा और बढ़ गया। इसके बाद शारदापीठ के शंकराचार्य सदानंद सरस्वती जी का बयान भी इस मामले का कड़ा विरोध किया है। सनातन के धर्म ने भी भगवान राम के भक्त हनुमान के अपमान की निंदा की है।

ये भी पढ़े:

1.जाने रोज़ हनुमान चालीसा पढ़ने से क्या फायदे होते है?

2.

Dwarkadhish मंदिर का इतिहास?

3.

ujjain के महाकालेश्वर मंदिर का इतिहास और रहस्य?

4.

श्री राम जन्मभूमि मंदिर का संघर्षपूर्ण इतिहास?

5.Kedarnath धाम का इतिहास,रहस्य
6.Shri Nathji मंदिर से जुड़ी 10 रोचक बातें

6. हिंदू धर्म के संतो तथा गुरुओं की कड़ी प्रतिक्रिया आने के बाद जब स्वामीनारायण संप्रदाय की तरफ से विवादित तस्वीरें नहीं हटाई गई हैं तो स्वामीनारायण संप्रदाय के खिलाफ ओर विवादों का एक पूरा पिटारा खुल गया है

7. 54 की हनुमान जी कीमूर्ति के नीचे लगी फोटो के साथ साथ हनुमान जी की मूर्ति के ऊपर राम तिलक की जगह स्वामीनारायण का तिलक लगाने का मामला भी जुड़ गया है।

8. Salangpur हनुमान जी अपमान के विरोध में आने वाले संतो तथा धर्मगुरुओं ने दलील पेश की है कि स्वामीनारायण संप्रदाय जिन्हें भगवान मानता है। उन धनश्याम पांडेय, (उत्तर प्रदेश, गोंडा जिला) का इतिहास 250 से कुछ साल अधिक पुराना है। ऐसे में पवनपुत्र हनुमान जो राम के अन्यय भक्त थे वो सहजानंद स्वामी के दास कैसे हो सकते हैं? यह बेहूदी और गलत बात है। स्वामीनारायण संप्रदाय ने हनुमानजी का अपमान किया है।

9. सबसे बड़ा सवाल यह है कि सनातन धर्म से जुड़ा यह संप्रदाय इतना बड़ा कैसे हो सकता है? यह संप्रदाय अपने आप को बड़ा साबित करने के लिए किया गया है। विरोध के बढ़ने के बाद स्वामी नारायण संप्रदाय ने मीडिया को बताया कि 5अप्रैल को सूर्योदय से पहले सभी विवादित चीजों को वहां से हटा दिया जाएगा। गुजरात में बेहद प्रभावशाली संप्रदायों में शामिल स्वामीनारायण संप्रदाय चार भागों में बंटा हुआ है।

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *