Maha Ashtami Puja | नवरात्रि की महाअष्टमी पूजा के 10 महत्व
नवरात्रि के आठवें दिन अष्टमी तिथि को आठम, महाष्टमी या दुर्गाष्टमी भी कहा जाता है। इस दिन देवी दुर्गा की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन मां दुर्गा के आठवें स्वरूप महागौरी माता की पूजा की जाती है। इस दिन मां दुर्गा के यज्ञ का आयोजन करना भी बहुत फलदायी होता है।
नवरात्रि की महाअष्टमी पूजा के 10 महत्व
1. नवरात्रि के आठवें दिन की देवी मां महागौरी हैं। माता गौरी की सवारी बैल है और उनका शस्त्र त्रिशूल है। मां महागौरी अत्यंत दयालु हैं और उन्होंने कठिन तपस्या करके गौरवर्ण (सुंदर रूप) प्राप्त किया था, जिससे वे भगवती महागौरी के नाम से संपूर्ण जगत में प्रसिद्ध हुईं।
भगवती महागौरी की पूजा सभी मनोकामनाएं पूर्ण करने वाली मानी जाती है और वह अपने भक्तों को अभय, रूप और सौन्दर्य का आशीर्वाद प्रदान करती हैं। इनकी पूजा करने से शरीर में उत्पन्न होने वाले विभिन्न प्रकार के विष और रोग समाप्त हो जाते हैं और जीवन में सुख, समृद्धि और आरोग्य की प्राप्ति होती है।
2. अष्टमी की दिशा उत्तर-पूर्व है। शिव सहित सभी हिंदू देवता उत्तर-पूर्व दिशा में निवास करते हैं, इसीलिए नवरात्रि में महाष्टमी का अधिक महत्व है। इस दिन मां दुर्गा की पूजा अत्यंत लाभकारी, पवित्र, सुखदायक और धर्म को बढ़ाने वाली होती है।
3. हिंदू धर्म में अष्टमी के दिन लोग अपने घरों में विशेष पूजा करते हैं। इस दिन सभी देवता, दानव, राक्षस, गंधर्व, नाग, यक्ष, किन्नर देवी दुर्गा की पूजा करते हैं।
4. हिंदू धर्मग्रंथों में लिखी कथा में बताया गया है कि आज ही के दिन अष्टमी के दिन देवी दुर्गा ने चंड-मुंड राक्षसों का वध किया था।
5. नवरात्रि के नौ दिनों में से इस दिन व्रत रखने का विशेष महत्व है। इस दिन व्रत करने से संतान की आयु लंबी होती है और इस दिन निर्जला व्रत करने का भी महत्व है।
6. नवरात्रि की अष्टमी के दिन विवाहित महिलाएं अपने अखंड सुहाग के लिए देवी दुर्गा को लाल चुनरी चढ़ाती हैं।
7.अष्टमी को मां दुर्गा के गौरी स्वरूप के अलावा मां अन्नपूर्णा की भी पूजा की जाती है। इस दिन कन्याभोज और ब्राह्मणों को भोजन कराने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
8. अष्टमी के दिन भूलकर भी नहीं खानी चाहिए ये चीजे
- नारियल- इसे खाने से व्यक्ति मूर्ख हो जाता है लेकिन इसे देवी मां को अर्पित किया जा सकता है।
- कद्दू और लौकी- इन दोनों चीजों की बलि देवी दुर्गा को चढ़ाई जाती है।
- आंवला तिल का तेल
- लाल साग
9. नवरात्रि में अष्टमी के दिन श्रद्धापूर्वक मां दुर्गा की पूजा करने से भक्तों को दुखों और परेशानियों से मुक्ति मिलती है और शत्रुओं पर विजय भी मिलती है। इस दिन मां दुर्गा की शास्त्रीय विधि से पूजा करने से रोगों से मुक्ति मिलती है। और धन की वर्षा होती है।
10. नवरात्रि की अष्टमी के दिन पूजा स्थल पर नौ कलश स्थापित किए जाते हैं क्योंकि इस दिन देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करने के बाद ध्यान किया जाता है और मां दुर्गा का आह्वान किया जाता है।