Mauni Amavsya: मौनी अमावस्या पर काल सर्प दोष और पितृ दोष से मुक्ति के लिए करें 5 उपाय
हिंदू धर्म में पितरों को प्रसन्न करने के लिए कई पूजा और विशेष दिन होते हैं। इन दिनों में सबसे खास दिन है मौनी अमावस्या। मौनी अमावस्या माघ मास की अमावस्या को कहा जाता है।
मौनी अमावस्या को करें 5 उपाय:
- मौनी अमावस्या के दिन पितरों के निमित्त पूरी श्रद्धा के साथ तर्पण, पिंडदान या श्राद्ध कर्म करने से पितर प्रसन्न होते हैं और इससे पितृदोष दूर हो जाता है और घर में सुख, समृद्धि, धन-ऐश्वर्य और वंश वृद्धि होती है। तथा पितर अपने वंशजों को सुखद जीवन जीने का आशीर्वाद प्रदान करते है।
- मौनी अमावस्या अर्थात माघ मास में आने वाली अमावस्या के दिन सुबह शुद्ध पानी से स्नान करके सूर्य भगवान को विधिपूर्वक जल अर्पण करने तथा सूर्यमंत्रों का जाप करने से व्यक्ति की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है और उसके जीवन में खुशियों का संचार होता है।
- जिस व्यक्ति के जन्म कुंडली में चंद्र दोष होता है उसको मौनी अमावस्या के दिन चांदी, दही, चावल, खीर और सफेद कपड़ों का दान करना चाहिए। इससे उसकी कुंडली में से चंद्र दोष खत्म हो जाता है। साथ ही चंद्र को मजबूत करने के लिए गौ माता को दही और चावल खिलाना चाहिए। कुंडली में चंद्र मजबूत होने पर सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है।
- मौनी अमावस्या के दिन अपने क्षमता के अनुसार गरीबों, असहाय लोगों तथा ब्राह्मणों को दान करने से जीवन के कष्ट खत्म हो जाते है। इस दिन मौन व्रत करना चाहिए और पीपल के पेड़ की पूजा करनी चाहिए। इससे आपको सभी पापों से मुक्ति मिल जाएगी।
- कालसर्प दोष वाले व्यक्ति को मौनी अमावस्या के दिन चांदी के नाग-नागिन का पूजन करके नदी में प्रवाहित करना चाहिए। इससे कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है तथा इस दिन महामृत्युंजय मंत्र, शिव मंत्र और शिव पंचाक्षर स्तोत्र का जाप करने से कालसर्प दोष खत्म होता है तथा आर्थिक स्थिति में वृद्धि होती है।