BELPATRA VIDHI

Shivling Pooja: शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने की शुभ संख्या और चढ़ाने के नियम

शिव शंकर भगवान को हिंदू पुराणों में सबसे भोले भगवान मानते है, इसीलिए भगवान शिव को भोलेनाथ के नाम से भी भक्त पुकारते है। भगवान शिव अपने भक्तों की मनोकामनाएं जल्दी ही सुन लेते है। उनकी पूजा करने के लिए एक तांबे के लोटे में जल और कुछ बेलपत्र की आवश्यकता होती है।

माना जाता है कि जो भी भक्त भगवान शिव को एक लोटा जल और बेलपत्र चढ़ाता है उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है और उसके सौभाग्य में वृद्धि होती है। भक्त अपने पसंद के जीवनसाथी की प्राप्ति और व्यापार में वृद्धि के लिए भगवान शिव की पूजा अर्चना करते है। महाशिवरात्रि को भगवान शिव की पूजा का विशेष दिन माना जाता है इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का शुभ विवाह हुआ था। इस साल महाशिवरात्रि 2024 का पर्व 8 मार्च को धूमधाम से मनाया जायेगा।
शिवरात्रि के दिन भगवान शिव के सभी मंदिरों और शिवालयों में भक्तों की भारी भीड़ जमा रहती है। शिवलिंग पर जल चढ़ाने के लिए मंदिरों के बाहर भक्त आधी रात से खड़े होते हैं।
हमारे हिंदू धर्म में शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने के अनेकों लाभ होते है।

भगवान शिव को बेलपत्र सबसे अधिक पसंद है इसीलिए शिवरात्रि की पूजा में शिवलिंग पर बेलपत्र जरूर चढ़ाना चाहिए। लेकिन इसके लिए आपको इस बात का ध्यान रखना है कि शिवलिंग पर कितने बेलपत्र चढ़ाने चाहिए और बेलपत्र चढ़ाने के सही नियम क्या है?

शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने की उपयुक्त संख्या:

शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने से भगवान शिव की विशेष कृपा होती है। हिंदू शास्त्रों के अनुसार शिवलिंग पर 3 से 11 बेलपत्र चढ़ाना चाहिये। बेलपत्र की संख्या 3 से कम नहीं होनी चाहिए। आप चाहे तो आप 11 से भी ज्यादा बेलपत्र चढ़ा सकते है। शीघ्र विवाह के लिए आपको शिवलिंग पर 108 बेलपत्र चढ़ाने चाहिए।

महाशिवरात्रि पर शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने का तरीका बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। आइए जानते है बिलपत्र चढ़ाने के नियमों के बारे में।

शिवलिंग पर बिलपत्र चढ़ाने के नियम:

  • बेलपत्र की संख्या: हिंदू मान्यताओं के अनुसार, शिवलिंग पर 3 से लेकर 11 बेलपत्र चढ़ाना शुभ माना जाता है। लेकिन आप अपनी आस्था और श्रद्धा के अनुसार इससे अधिक भी चढ़ा सकते हैं।
  • बेलपत्र का चयन: बेलपत्र चढ़ाने से पहले उसको अच्छे से धोना चाहिए फिर उसके चिकने वाले भाग को शिवलिंग पर चढ़ाना चाहिए।
  • चंदन या कुमकुम: बेलपत्र पर आप चंदन और कुमकुम भी लगा सकते है। आप चाहे तो बिना कुमकुम और चंदन के भी बेलपत्र चढ़ा सकते है।
  • बेलपत्र का प्रयोग: यदि आपके पास बेलपत्र नहीं है तो आप शिवलिंग पर चढ़े बेलपत्र को लेकर उसको धोकर उपयोग में ले सकते है। एक ही पत्ते को पानी में धोकर आप बार बार शिवलिंग पर चढ़ा सकते है।
  • अप्रयोज्य बेलपत्र: बेलपत्र चढ़ाते समय ध्यान रहें कि कोई भी बेलपत्र टूटा फूटा या कटा हुआ नही होना चाहिए। यदि ऐसे बेलपत्र आ जाए तो उनको साइड में कर लेना चाहिए। इसको कभी भी शिवलिंग पर नही चढ़ाना चाहिए।

इन नियमों का पालन करके आप महाशिवरात्रि पर शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाकर भगवान शिव की पूजा अर्चना कर सकते हैं।

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