Braj Holi 2024: फूलो की होली बांके बिहारी ब्रज
होली हिंदुओ का प्रमुख त्योहार है। पूरे भारतवर्ष में होली को धूमधाम से मनाया जाता है। आमतौर पर होली का त्योहार दो दिन का होता है जिसमे एक दिन होलिका दहन व दूसरे दिन रंगो की होली खेली जाती है लेकिन कान्हा की नगरी मथुरा में होली का त्योहार 40 दिनों तक मनाया जाता है जिसका प्रारंभ वसंत महीने के प्रवेश करते ही हो जाता है।
आज हम आपको ब्रज होली 2024 के कार्यक्रम की तिथियों के बारे में और फूलों की होली खेलने से जुडी कथा के बारे में बताएंगे।
बांके बिहारी मंदिर कहाँ स्थित है? (Banke Bihari Braj)
बांके बिहारी मंदिर भारत के उत्तर प्रदेश के वृन्दावन में स्थित है। यह मंदिर भगवान कृष्ण के भगवान बांके बिहारी जी को समर्पित है और वृन्दावन के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। यहां हरिनानकुंड, रासमंडल, बांके बिहारी जी मंदिर और अन्य धार्मिक स्थल हैं जो भगवान कृष्ण की लीला स्थली के रूप में महत्वपूर्ण हैं। यहां प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं।
फूलो की होली बांके बिहारी ब्रज- Flowers Holi Banke Bihari Braj
मथुरा में होली के शुरुआत बांके बिहारी मंदिर में फूलो की होली खेलकर होती है। फूलो की होली खेलना सबसे अलग ही अनुभव है। यहां पर बड़ी संख्या में भक्त फूलो की होली खेलने आते है।
“फूलों की होली” एक विशेष प्रकार की होली है जिसमें भक्त रंगों के स्थान पर फूलों का उपयोग करते हैं। यह बहुत ही धार्मिक और सांस्कृतिक तरीके से मनाया जाता है और भगवान कृष्ण और गोपियों की रंगीन लीला की याद दिलाने के लिए जाना जाता है।
फूलों की होली में लोग विभिन्न प्रकार के फूलों, सुगंधित पत्तियों, गुलाब जल और सुगंधित तेलों का उपयोग करते हैं। इन फूलों को एक-दूसरे पर फेंककर और बोलकर होली मनाई जाती है और इसे फूलों की होली कहा जाता है।
फूलों की होली विशेष रूप से भगवान कृष्ण के जन्मस्थान क्षेत्रों जैसे वृन्दावन और मथुरा में मनाई जाती है, जहाँ भगवान कृष्ण ने गोपियों के साथ आनंदमय होली खेली थी। इस त्योहार के दौरान, लोग भगवान कृष्ण की लीलाओं का अनुकरण करते हैं और उनकी भक्ति का एक अनोखे तरीके से अनुभव करते हैं।
फूलों की होली को अधिक सांस्कृतिक और धार्मिक तरीके से मनाने के लिए लोग मंदिरों और आश्रमों में जाते हैं, जहां पूजा और भगवान की लीलाओं को दर्शाने वाले कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इसके अलावा फूलों की होली के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रम, संगीत और नृत्य का भी आयोजन किया जाता है।
फूलों की होली होली मनाने का एक सुंदर और धार्मिक तरीका है, जो भगवान कृष्ण की लीलाओं से जुड़ी है।
चारो तरफ लोग फूलो से होली खेलते हुए नजर आते है और जो उसको खेलने का आनंद होता है वो आनंद भारत में कही पर भी नही मिलता है।
फूलो की होली खेलने की पौराणिक कथा –
श्री कृष्ण की पत्नी राधारानी को प्रकृति तथा प्रेम की देवी माना जाता है। एक बार श्री कृष्ण काम में व्यस्त होने की वजह से लंबे समय तक राधारानी से मिल नही सके जिससे राधारानी दुखी रहने लगे राधारानी के दुखी होने से प्रकृति के फूल मुरझाने लग गए जिसका आभाष श्री कृष्ण को हुआ तो वो जल्दी राधारानी से मिलने आ गए।
वहा आकर कृष्ण ने एक फूल राधारानी पर फेंका जिससे राधारानी खुश हो गई तथा पूरी प्रकृति में फिर से हरियाली छा गई फिर राधारानी ने भी एक फूल कृष्ण पर फेंका फिर गोपियों ने एक दूसरे पर फूल फेकना शुरू किया जिससे चारो तरफ लोग एक दूसरे पर फूल फेकने लगे । इस तरह काफी समय से मथुरा में फूलो की होली खेली जाती है।
मथुरा की होली ब्रज की होली या फूलो की होली नाम से प्रसिद्ध है।
ब्रज में खेली जाने वाली अन्य होली- Other Holi played in Braj
मथुरा में फूल की होली के अलावा लड्डुमार, लठठमार तथा रंगो की होली भी खेली जाती है यहां की होली खेलने प्रतिवर्ष देश विदेश से लाखो की संख्या में लोग आते है। लोगो का उत्साह देखते ही बनता है कि यहां की होली कितनी विशेष होगी।
वसंत ऋतु के आगमन होते ही कान्हा की नगरी और मंदिर को फूलो से सजाया जाता है। जिस दिन फूलो की होली खेली जाती है उस दिन को अतिशुभ माना जाता है। फुलेरा दूज के दिन कोई भी नया काम कर सकते है। मथुरा में फूलो की होली के बाद लठ्ठमार होली खेली जाती है जिसमे लोग एक दूसरे को लठ्ठ मारते है।
लठ्ठमार होली खेलते हुए किसी को लठ्ठ लग जाती है तो वो अपने आप को धन्य मानता है। इस तरह ब्रज की होली को मनाया जाता है ।
मथुरा होली 2024 विभिन्न कार्यक्रमों की तिथियाँ- Banke Bihari Mandir Holi 2024 Program
मथुरा, वृन्दावन और बरसाना की होली विश्व में सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है यहां भगवान कृष्ण, राधा, सखियों और गोपियों के साथ होली खेलते हैं।
Banke Bihari Mandir Holi 2024 Program
17 मार्च 2024, रविवार
लड्डू होली: स्थान- श्रीजी मंदिर बरसाना
18 मार्च 2024, सोमवार
लट्ठमार होली: स्थान- मुख्य होली बरसाना
19 मार्च 2024, मंगलवार
लट्ठमार होली: स्थान- नंद भवन में लट्ठमार होली
21 मार्च 2024, गुरुवार
फूलवालों होली: स्थान-फूलवालों की होली बांके बिहारी मंदिर, रंगभरी एकादशी वृन्दावन में होली
21 मार्च 2024, गुरुवार
मथुरा होली: भगवान कृष्ण के जन्मस्थान मंदिर और पूरे मथुरा में विशेष आयोजन
22 मार्च 2024, शुक्रवार
गोकुल होली: गोकुल होली और रमण रेती दर्शन
24 मार्च 2024, रविवार
होलिका दहन (होली अग्नि): द्वारकाधीश मंदिर डोला और मथुरा विश्राम घाट, बांके बिहारी वृन्दावन
25 मार्च 2024, सोमवार
धुलंडी होली: द्वारकाधीश बृज में अबीर गुलाल और रंग-बिरंगे पानी की होली