श्री गणेश आरती – Jai ganesh Jai ganesh deva Aarti
हमारे हिंदू धर्म में हर धार्मिक अनुष्ठान में भगवान गणेश की पूजा को विशेष माना जाता है। भगवान गणेश की आरती करना एक धार्मिक अनुष्ठान है। आरती के माध्यम से हम अपनी आंतरिक भक्ति, समर्पण और श्रद्धा की भावनाओं को भगवान गणेश को समर्पित करते हैं। भक्त भगवान गणेश को विघ्नहर्ता के रूप में जानते हैं। हिंदू धर्म में भगवान गणेश से किसी भी शुभ शुरुआत और सुख-समृद्धि की प्राप्ति के लिए प्रार्थना की जाती है।
श्री गणेश आरती (Jai Ganesh Jai Ganesh Deva)
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥
एकदंत दयावंत, चार भुजा धारी
माथे पर तिलक सोहे, मूसे की सवारी॥
अंधन कोंदा गलीत, कुंडली फल के चारी
हाथी जै को सवारी, सोणे की सुंवारी॥
भूपति आरती करती, एक दंत चवीण
रजत मुकुट सोहे, छवि कोई न तरी॥
लंबोदर पीताम्बर, फणिवर बाजे काण
सोई करुणासिन्धू, कश्मीर से काण॥
लेटु भगवाना, पदयुग होय धरी
सुरवर नाराद मुनि, शापदाणव तारी॥
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा
माता जाकी पार्वती पिता महादेवा॥