“Om” Mandir- राजस्थान में बना विश्व का पहला “ॐ” आकार का मंदिर
राजस्थान में स्थित पहला “ॐ” आकार का मंदिर एक अद्वितीय और प्रेरणादायक स्थल है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और इसका निर्माण पाली जिले के जाडन में करीब 250 एकड़ में किया गया है।
यह मंदिर ॐ आकार का विश्व का पहला मंदिर है। इस भव्य मंदिर के परिसर में और भी सुंदर और अच्छे आकार की इमारतें बनी हुई है। जिसकी बनावट शाश्वत प्रतीकों के रूप में है। इन इमारतों में यज्ञवेदी जैसा दो मंजिला गुरुकुल, स्वास्तिक आकार का छात्रावास और तारे के आकार का अस्पताल भवन बना हुआ है। योग मंदिर का हर कोना आकर्षक है। आइए जानते है योग मंदिर की खास बातें।
योग मंदिर की खास बातें-
- ॐ आकार का मंदिर कहां बना हुआ है?
ॐ आकार का भव्य और योग मंदिर राजस्थान राज्य के पाली जिले के जाडन में 250 एकड़ के क्षेत्रफल में बना हुआ है। - योग मंदिर की प्राणप्रतिष्ठा
इस भव्य और दुनिया के इकलौते मंदिर की प्राणप्रतिष्ठा समारोह 10 फरवरी से शुरू हुआ और 19 फरवरी को समापन होगा। मंदिर के प्राणप्रतिष्ठा कार्यक्रम में देश विदेश से हजारों लोग और साधु संत आयेंगे। मेहमानों के रहने और खाने पीने की भी अलग से व्यवस्था को गई हैं। मंदिर में 3 हेलीपैड भी बनाए गए है। - लोगों को सनातन संस्कृति और योग साधना से जोड़ने के लिए तीर्थस्थल श्री अलखपुरी सिद्धपीठ परंपरा के प्रमुख महामंडलेश्वर महेश्वरानंद महाराज ने इस मंदिर को मूर्त रूप दिया। इस योग मंदिर को बनाने का सपना उन्होंने 40 साल पहले देखा था। उन्होंने 23 जनवरी 1995 को जाडन के पास मंदिर की आधारशिला रखी थी।
- 28 साल लगातार कठिन परिश्रम के साथ निर्माण कार्य करने से मंदिर का आकार पूरा ॐ का बन पाया है। यह विश्व का सबसे पहला और एकमात्र ॐ आकार का मंदिर है।
- यह मंदिर 250 एकड़ के क्षेत्रफल में बना हुआ है। मंदिर में मानव निर्मित पहाड़ और तालाब भी है। मंदिर चार मंजिल का बना हुआ है इसमें 108 कमरे इस तरह बनाए गए है कि मंदिर ॐ आकार का दिखाए दे।
- यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित मंदिर है। इस मंदिर में भगवान शिव की 1008 प्रतिमाएं स्थापित है।
- इस मंदिर में शिव भगवान की 1008 प्रतिमाओं के साथ ही सप्तऋषियों की समाधियां स्थित है। इसके अलावा मंदिर परिसर में स्कूल और कॉलेज स्थित है। मंदिर का निर्माण कार्य नागर शैली से किया गया है। यह मंदिर लगभग आधे किलोमीटर के एरिया में फैला हुआ है।
- मंदिर के सबसे ऊपर वाले भाग में भगवान शिव का शिवलिंग स्थित है, जिसपर पूरे ब्रह्मांड की आकृति बनी हुई है।